Mau : भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग, सांसद राजीव राय ने सदन में उठाई आवाज
भोजपुरी भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग फिर से जोर पकड़ रही है। सांसद राजीव राय ने इस मुद्दे को संसद में उठाया है, जिसमें उन्होंने भोजपुरी को राष्ट्रीय पहचान और आधिकारिक दर्जा देने की बात कही। इस मांग को पहले भी कई सांसद और कलाकार जैसे रवि किशन और दिनेश लाल यादव (निरहुआ) ने संसद और सार्वजनिक मंचों पर उठाया है।
आठवीं अनुसूची और भोजपुरी की मांग:
- आठवीं अनुसूची में वर्तमान में 22 भाषाएँ शामिल हैं।
- भोजपुरी, जो 16 से अधिक देशों में बोली जाती है और लाखों भारतीयों की मातृभाषा है, को इसमें शामिल करने का दबाव लंबे समय से बनाया जा रहा है।
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल कहा था कि भोजपुरी को इस सूची में शामिल करने के लिए प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है।
फायदे:
अगर भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में जगह मिलती है, तो इसे आधिकारिक दर्जा मिलेगा, जिससे भाषा के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए सरकारी सहायता उपलब्ध हो सकेगी।
चुनौतियाँ:
- सरकार के पास इस तरह की माँग वाली अन्य भाषाओं जैसे मगही, राजस्थानी, और गारो की भी सूची है, जो आठवीं अनुसूची में शामिल होने का इंतजार कर रही हैं।
- वर्तमान में, किसी भाषा को अनुसूची में शामिल करने के लिए कोई निश्चित मानदंड नहीं है
भोजपुरी भाषा के प्रेमियों और इसके समर्थन में खड़े नेताओं का कहना है कि यह निर्णय न केवल सांस्कृतिक महत्व का है बल्कि इससे लाखों लोगों को सम्मान और पहचान मिलेगी।
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